ik.50 आज से सावन का महीना शुरू हो रहा है, भगवान शिव की आराधना करने का महीना है| हम भारतीयों के जीवन में ज्योतिष एवं आयुर्वेद का बहुत महत्व रहा है| ज्योतिष से हमारे जीवन के जन्म से लेकर मृत्यु तक के संस्कार मार्गदर्शित होते रहे हैं| पराशर होरा शास्त्र के अनुसार सूर्य ही जगत की उत्पत्ति के कारक हैं|सूर्य की तीन शक्तियाँ है ,१.विष्णु जो पालनकर्ता हैं २. ब्रह्मा जो रचना व सृजन कर्ता हैं तथा ३.शिव जो उत्पत्ति ( regeneration) एवं संहारक हैं| पृथ्वी पर मौजूद समस्त जीव जन्तुओं एवं वनस्पतियों में अपने समान उत्पन्न करने का सामर्थ्य शिव शक्ति से ही है| यदि कोई स्त्री सावन के महीने में गर्भ धारण करे तो नौ महीने बाद चैत्र के महीने में संतान उत्पन्न होगी,उस समय सूर्य मेष राशि में उस संतान की कुंडली (जन्मांग) में होगा| ज्योतिष मत है कि ऐसा सूर्य जीवन मे आने वाली बाधाओं को दूर करता है तथा जातक को यशस्वी बनाता है,ऐसी संतान की उत्पत्ति हेतु सावन के महीने में शिव की आराधना एवं दम्पत्ति को देवतुल्य आचरण रखना चाहिए| 14.50, 20-7-2016