कल्कि अवतार
“बृहत् प|राशर होरा शास्त्र” ज्योतिष शास्त्र का प्रमुख ग्रन्थ है | इसके रचयिता महर्षि
प|राशर हैं जो महर्षि वेदब्यास के पिता थे |
इन्होने अपने इस ग्रन्थ के अध्याय 2 “अवतारकथनाध्याय” के श्लोक ५ और ६ में ९ अवतारों का विवरण बताया है | इस विवरण के अनुसार सूर्य से श्री राम, चन्द्रमा से श्री कृष्ण, मंगल से श्री नृसिंह, ग्रह बुध से बुद्ध, गुरु से वामन, शुक्र से परशुराम, शनि से कूर्म राहु से वराह और केतु से मत्स्य का अवतार हुआ है | इस अध्याय और पूरे ग्रन्थ में कल्कि अवतार का उल्लेख नहीं है
कल्कि अवतार की भविष्यवाणी ‘कल्कि पुराण’ ’विष्णु पुराण’ ‘भविष्य पुराण’ स्कन्द पुराण आदि
कई पुराणों में की गयी है | भविष्य वाणी के अनुसार कल्कि अवतार का जन्म कलियुग के अंत में
संभल नामक ग्राम में विष्णुयश नाम के ब्राह्मण के घर में होगा | पुराणों के अनुसार उनका जन्म
श्रावण मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होगा | पुराणों के अनुसार कलियुग की अवधि ४,३२,०००
वर्ष है और अभी ५००० साल कलयुग के ब्यतीत हुए हैं |
प्रश्न उठता है कि महर्षि प|राशर की बात सही है या पुराणों की ? मेरे विचार से पुराणों की बात
सही नहीं है | महर्षि पाराशर जब बुद्ध के अवतार की भविष्य वाणी कर रहे हैं तो कल्कि अवतार
की भी अवश्य करते | पुराणों में जो पौराणिक कहनियाँ लिखी गयी है उनमें से अधिकांश की
विश्वसनीयता पर सवाल उठते रहे हैं |
२८-८-२०२५ १९. ३८ pm